इस्लामिक दावत सेंटर (IDC): ग़ज़वा-ए-हिंद नेटवर्क का मुख्यालय…

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भारत में ग़ज़वा-ए-हिंद के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कार्य करने वाला वृहद इस्लामी नेटवर्क बहुध्रुवीय रूप में संचालित होता है। इसे भारत के विभिन्न हिस्सों में बैठे हुए इस्लामी जमात के बेहद शातिर लोग छुप-छुप कर संचालित करते हैं। इस ग़ज़वा-ए-हिंद नेटवर्क की सभी कड़ियां बाहर से भले अलग-अलग नज़र आती हों लेकिन अंदर से वे प्याज़ के छिलकों की तरह आपस में जुड़ी हुई हैं। इस नेटवर्क के अंदर शामिल लोग ज़रुरत पड़ने पर एक-दूसरे की न केवल हर प्रकार से मदद करते हैं बल्कि अपने मज़हबी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। यह इस नेटवर्क से जुड़े लोगों को दिए गए विशेष प्रशिक्षण का ही कमाल है कि सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों की नाक के नीचे ये नेटवर्क दिन-दूनी, रात-चौगनी गति से कार्य करता रहता है और किसी को कानों-कान ख़बर तक नहीं होती है।

भारत में चल रहे इस विशाल इस्लामी नेटवर्क को भारत के अंदर से तो इस्लामी ताक़तों का भरपूर समर्थन मिलता ही है, विदेशों में बैठे हुए धन-कुबेर भी इसको भारी मात्रा में आर्थिक तथा कूटनीतिक समर्थन प्रदान किया करते हैं। ये नेटवर्क हमारी इस श्रृंखला के सभी अंशों में बताई गई सभी बातों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंध रखता है। इस नेटवर्क को किसी भी बाहरी व्यक्ति के लिए समझ पाना बहुत ही कठिन है। इस नेटवर्क को या तो वही व्यक्ति समझ सकता है जो इस नेटवर्क में काफ़ी अंदर तक घुसा हुआ रहा हो। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि जो व्यक्ति इस नेटवर्क की असलियत को जानने के इरादे से इस नेटवर्क के अंदर न घुसा हो, उसके सिवा किसी बाहरी व्यक्ति के लिए इस नेटवर्क की गतिविधियों का पता लगा पाना असंभव ही नहीं बल्कि पूरी तरह से नामुमकिन है। यहां तक कि इस नेटवर्क से जुड़े लोगों के बहुत क़रीबी और परिचित लोग भी इस नेटवर्क की कारगुज़ारियों से बिल्कुल अंजान रहते हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि इस नेटवर्क की गतिविधियां बहुत ही गंभीर और संदिग्ध प्रकार की रहती हैं। इस नेटवर्क के अंदर शामिल लोगों में से भी अधिकतर लोगों को इस नेटवर्क के मूल उद्देश्य के बारे में पता नहीं होता है। इस नेटवर्क से जुड़े हुए केवल चंद समझदार और शातिर लोग ही इस नेटवर्क के अलग-अलग स्तरों पर संचालित होने वाले कार्यों की आंशिक जानकारी रखते हैं।

यह नेटवर्क एक ज़ंजीर की कड़ियों की मानिंद जटिल होता है जिसमें कि एक कड़ी अपने से एक आगे की एवं अपने से एक पीछे की- केवल दो कड़ियों की जानकारी रखती है। यदि कभी इस नेटवर्क का कोई व्यक्ति पकड़ा जाता है और वह सख़्त जान निकलता है तो इस नेटवर्क के ऊपर कोई विशेष असर नहीं पड़ता है क्योंकि उसके पकड़े जाने से उससे जुड़े लोगों के राज़ बाहर नहीं आ पाते। इस नेटवर्क की विधिक टीम इतनी सशक्त है कि अपने एक प्यादे के लिए वह लाखों नहीं, करोड़ों नहीं बल्कि अरबों रुपए तक पानी की तरह बहाने के लिए तैयार रहती है (देखें यह ख़बर)। सात पर्दों के भीतर से अपनी गतिविधियां चलाने वाला यह नेटवर्क सार्वजनिक दिखास-छपास और कोरी वाह-वाही से कोसों दूर रहता है। शायद यही वजह है कि यह नेटवर्क आज तक बग़ैर किसी ख़ास परेशानी के इतने बेहतर तरीक़े से अपनी गतिविधियों को संचालित करने में कामयाब रहा है।

C-2, जोगाबाई एक्सटेंशन, मस्जिद नूह के पास, नई दिल्ली स्थित ‘इस्लामिक दावत सेंटर’ (IDC) संपूर्ण भारत में संचालित की जाने वाली ग़ज़वा-ए-हिंद की सभी गतिविधियों को गुप्त रूप से संचालित करता है। ये सेंटर नई दिल्ली के मिनी पाकिस्तान कहे जाने वाले इलाके जामिया नगर के बिलकुल अंदरूनी इलाके में स्थित है। इस्लामी जमात की गतिविधियों के लिए ये इलाका राजधानी क्षेत्र में हर प्रकार की दृष्टि से सुरक्षित माना जाता है। इस इलाके में आम इंसान तो क्या, इस इलाक़े के आस-पास रहने वाला कोई सामान्य व्यक्ति भी यहां आसानी से नहीं पहुंच सकता। इस क्षेत्र में रहने वाले मुस्लिम लोग यहां आने-जाने वाले लोगों पर विशेष नज़र रखते हैं। भूल-भुलैया सी बेहद संकरी गलियों वाले इस क्षेत्र में किसी भी बाहरी व्यक्ति को देखते ही स्थानीय लोगों के द्वारा उससे गहन जांच-पड़ताल की जाती है। सुरक्षा की दृष्टि से ये इलाका लगभग बीस लाख की आबादी वाली सात स्तरीय मुस्लिम बस्तियों से घिरा हुआ है। ये सात स्तरीय मुस्लिम बस्तियां- ओखला, शाहीन बाग़, अबुल फज़ल एन्क्लेव, बटला हाउस, जामिया नगर, जोगाबाई एक्सटेंशन और मस्जिद नूह हैं। इन्हें पार करने के बाद ही कोई व्यक्ति इस सेंटर पर पहुंच सकता है। चूंकि इस क्षेत्र के पीछे ही एक बड़ा क़ब्रिस्तान भी है। अतः कोई भी बाहरी व्यक्ति यहां पर पैर रखने की भी ज़ुर्रत नहीं करता। पुलिस एवं अन्य सुरक्षा बल भी यहां जाने में कतराया करते हैं। वह तो दाद देनी होगी उत्तर प्रदेश पुलिस की दिलेरी की कि उसने इस सुरसा के मुंह जैसे क्षेत्र में न केवल छापा मारा वरन वहां पर स्थित ग़ज़वा-ए-हिंद नेटवर्क के मुख्यालय ‘इस्लामिक दावत सेंटर’ से बेहद अहम सुबूत ज़ब्त करके उसे सील करने का साहस भी किया।

शलोॐ…!