जिस राज्य की जनता लालची होती है, उस राज्य पर धूर्त शासन करते हैं…

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28 मार्च, 2020 का दिन दिल्ली में कार्य करने वाले प्रवासी मज़दूरों और दूसरे राज्यों के लोगों के लिए ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ का दिन था। इस दिन दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद कजरुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह के हुक्म पर उनकी आम आदमी पार्टी के आतंकवादियों ने बक़ायदा लाउडस्पीकर से घोषणा करके दूसरे राज्यों के रहने वाले लोगों को एक झटके में लात मारते हुए दिल्ली से बाहर फेंक दिया था। इसके बाद इस्लामी जम्हूरियत दिल्ली अर्थात दिल्ली की इस्लामी सरकार ने बाहरी हिंदुओं के लिए दिल्ली के दरवाज़े बंद कर दिए थे।

चित्र: दिल्ली के अस्पतालों में दूसरे राज्य के लोगों के इलाज पर रोक का फ़तवा जारी करते दिल्ली के सुल्तान जनाब मोहम्मद कजरुद्दीन

इसके अलावा यह भी एक तथ्य है कि बाहरी राज्यों के रहने वाले हिंदुओं को दिल्ली से निकालने के बाद दिल्ली के सुल्तान एवं उनकी पार्टी के आतंकवादियों ने भारी मात्रा में बांग्लादेशी रोहिंग्या आतंकवादियों की रिहाइश और उनके राशन-पानी के लिए बेहतरीन शाही इंतज़ामात किए थे। इतना ही नहीं, दिल्ली के सुल्तान ने अपनी पार्टी के कुख्यात आतंकवादी अमानुल्लाह ख़ान एवं उसके गैंग के आतंकवादियों को दूसरे राज्यों के हिंदुओं के पलायन के पश्चात खाली हुए रिक्त-स्थानों को रोहिंग्या और इस्लामी आतंकवादियों से भरने के लिए ग़ैर-ऐलानिया हुक्म भी जारी किए थे।

सनद रहे कि दिल्ली के सुल्तान का दाएं हाथ कहा जाने वाला यह अमानुल्लाह ख़ान वही दुर्दांत इस्लामी आतंकवादी है जिसके गुर्गे ताहिर हुसैन ने वर्ष 2020 में हुए दिल्ली दंगों में दर्ज़नों हिंदुओं का क़त्ल-ए-आम करने में अहम भूमिका निभाई थी। अभी फ़िलहाल यह आतंकवादी एक विचाराधीन क़ैदी के रूप में जेल में बंद है।

वीडियो: दिल्ली की जनता की गाढ़ी कमाई को इस्लामी तुष्टिकरण में उड़ाते दिल्ली के सुलतान मोहम्मद कजरुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह

इसके बाद दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद कजरुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह ने एक फ़तवा जारी करते हुए कहा था कि दूसरे राज्य से आये लोगों का दिल्ली में इलाज नहीं किया जाएगा क्योंकि दिल्ली के अस्पताल दिल्ली के कर-दाताओं के धन से बने हैं और चंद सौ रूपए की टिकट लेकर बाहरी राज्यों के लोग दिल्ली के अस्पतालों में आकर अपना इलाज करवा ले जाते हैं। दिल्ली सुल्तान के इस फ़ैसले के ऊपर देश में काफ़ी बवाल हुआ था और इस बात की आशंका भी ज़ाहिर की जा रही थी कि दिल्ली के सुल्तान निकट भविष्य में कहीं दिल्ली को स्वायत्त मुल्क तो घोषित करने नहीं जा रहे हैं? आज समय का चक्र देखिए कि वही दिल्ली के बेशर्म एवं निर्लज्ज अंतर्राष्ट्रीय सुल्तान, दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन की भीख मांगते देखे जा रहे हैं! हालांकि असम एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों समेत आम जनता में से कई गणमान्य लोगों ने दिल्ली के बेशर्म सुल्तान को उनकी निर्लज्जता और धूर्तता का आइना दिखाते हुए करारे जबाब दिए परंतु उनकी ढीठता एवं कमीनगी ने उनको शर्मसार होने ही नहीं दिया!

ज्ञात हो कि इस वर्ष 5 जनवरी, 2020 को ही केंद्र सरकार ने 162 ऑक्सीजन प्लांट्स (पीएसए) लगाने के लिए 32 राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों को पीएम केयर फंड से 201.58 करोड़ रुपए का आवंटन जारी किया था। इसके बावजूद दिल्ली जैसे राज्यों की इस्लामी सरकारों ने अपने यहां ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने ही ज़रूरी नहीं समझे और केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए धन को माल-ए-ग़नीमत अर्थात हराम का माल समझकर उसका इस्तेमाल इस्लामी तुष्टिकरण और अपने प्रचार और प्रसार के लिए किया। एक आरटीआई से पता चला है कि मात्र तीन महीने के भीतर ही दिल्ली के सुल्तान जनाब मोहम्मद कजरुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह ने केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए इस धन समेत 150 करोड़ रुपए को अपनी फ़र्ज़ी इमेज बनाने वाले प्रचार-प्रसार, विज्ञापनों एवं इस्लामी तुष्टिकरण पर ख़र्च कर डाले। गुप्त सूत्रों से इस बात का पता भी चला है कि दिल्ली के सुल्तान ने बीते 3 महीनों में 150 करोड़ रुपए लुटाने के बाद भी 500 करोड़ रुपए का एक और भारी-भरकम अग्रिम विज्ञापन-बजट तैयार करके रखा हुआ था जिसके लिए वे केंद्र सरकार से धन हड़पने के लिए अपनी शातिराना इस्लामी-नक्सली चालें चल रहे थे।

दोस्तों, दिल्ली के सुल्तान ने जितना धन अपने विज्ञापनों एवं इस्लामी तुष्टिकरण पर खर्च किया है, यदि इसका आधा धन भी वे दिल्ली के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने पर ख़र्च कर देते तो संभवतः ढाई-तीन सौ रुपए की मुफ़्त बिजली-पानी के लिए अपने मताधिकार का बलात्कार करने वाली दिल्ली की मुफ़्तख़ोर एवं लालची जनता को आज ऑक्सीजन की कमी के कारण कुत्तों और सुवरों की तरह सड़-सड़कर न मरना पड़ता! आज दिल्ली की मुफ़्तखोर एवं लालची जनता की हालत को देखकर हमको बरबस ही आचार्य चाणक्य का वह कथन स्मरण हो आता है कि जिस राज्य की जनता लालची होती है, उस राज्य पर धूर्त शासन करते हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी जब दिल्ली के निर्लज्ज व धूर्त सुल्तान को जमकर फटकार लगाते हुए पूछा कि जब केंद्र सरकार ने 8 ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने के लिए दिल्ली सरकार को पहले ही धन जारी कर दिया था तो अब तक वे प्लांट्स क्यों नहीं लगाए गए तो उसके बाद इन जनाब से कोई जवाब देते हुए नहीं बना।

चित्र: एक आरटीआई के द्वारा यह मालूम हुआ कि दिल्ली के सुल्तान ने केंद्र सरकार द्वारा ऑक्सीजन प्लांट्स के लिए जारी किए गए धन का 75% हिस्सा विज्ञापनों में उड़ा दिया

जैसा कि इस समय सभी लोग देख रहे हैं कि केंद्र सरकार लगातार देश को इस मुश्किल परिस्थिति से निकालने का प्रयास कर रही है लेकिन दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद कजरुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह जैसे बेहद नीच और ज़लील लोग अपनी कमीनगी और शूकरपन से बाज़ नहीं आ रहे हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय का यह कथन कि वह ऑक्सीजन बाधित करने वाले ग़द्दारों को फांसी पर चढ़ा देगा, यदि वास्तव में गंभीरता व महत्ता रखता है एवं इस बयान में ‘मीलॉर्ड’ लोगों की किसी प्रकार की कोरी लफ़्फ़ाज़ी नहीं है तो हम दिल्ली उच्च न्यायालय से यह अपेक्षा रखते हैं वह जल्द से जल्द दिल्ली एवं दिल्ली के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद कजरुद्दीन जैसे देशद्रोही और भ्रष्टाचारी जंतु को तत्काल फांसी पर चढ़ाने के आदेश जारी करे!

शलोॐ…!