‘छठ-पूजा एक पाखंड है’: हिंदूद्रोही तत्वों के दुष्प्रचार का भंडाफोड़…

babaisraeli.com20201120018176

भारत का बेहद उदार एवं सहिष्णु माना जाने वाला आंबेडकरवादी संविधान जिसे भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीया मैमूना बेगम (इंदिरा गांधी) के द्वारा एकदम असंवैधानिक तरीके से धर्मनिरपेक्षता का चोला ओढ़ा दिया गया, भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपने मत का प्रचार और प्रसार करने की अनुमति प्रदान करता है। भारतीय संविधान द्वारा अपने मत के प्रचार और प्रसार करने की आड़ में हिंदू-विरोधी शक्तियां कब हिंदू-हितों पर कुठाराघात करके चली जाती हैं, आर्यावर्त सहित विश्व के आम हिंदूजन इस बात को जान भी नहीं पाते हैं। भूतकाल में भारत की पूर्ववर्ती तथाकथित सेकुलर और धर्मनिरपेक्ष सरकारों के संरक्षण में सैकड़ों नहीं बल्कि हज़ारों-लाखों की संख्या में हिंदू-विरोधी तत्व अपने निजी फ़ायदे के लिए हिंदुत्व पर लगातार प्रहार करते रहे हैं। इन हिंदू-विरोधी तत्वों में ईसाई मिशनरीज़ तथा इस्लामी जमात तो कुख्यात रहे ही हैं परंतु इनके अलावा हिंदुओं के अंदर से भी वामपंथी एवं सेकुलर गैंग सहित अपनी पूजा करवाने वाले कई स्वयं-भू फ़र्ज़ी संत एवं धर्मगुरु भी हिंदुत्व पर चोट करने में ईसाई मिशनरीज़ और इस्लामी जमात से कतई पीछे नहीं रहे हैं।

एक ओर जहां बर्बर और ज़ाहिल मानी जाने वाली अरबी इस्लामी जमात एक बहुत लंबे समय से हिंदू आस्थाओं और मान्यताओं पर खुल्लम-खुल्ला प्रहार करती रही है तो वहीं दूसरी ओर इसके उलट ईसाई मिशनरीज़ और वामपंथी धड़े भी बहुत ही शातिराना ढंग से हिंदुत्व को दीमक की तरह कमज़ोर करने और खाने में लगे हैं। चाहे दीपावली पर पटाखे चलाने का मामला हो या फिर होली पर रंग खेलने का मामला, चाहे करवाचौथ पर स्त्रीवाद का हौवा खड़ा करना हो या फिर कृष्ण-जन्माष्टमी पर दही-हांडी की रस्सी की ऊंचाई तय करने का मामला हो, चाहे सबरीमाला मंदिर में रजस्वला स्त्री के प्रवेश का मामला हो या फिर गणेश प्रतिमा के विसर्जन का मामला, चाहे जलीकट्टू जैसे खेलों का मामला हो या फिर हिंदुओं के नैसर्गिक देश आर्यावर्त में हिंदू जीवनशैली को जीने का मामला- ईसाई और वामपंथी धड़ा प्रत्येक एवं प्रत्येक अवस्था में केवल हिंदू आस्थाओं और मान्यताओं पर ही चोट करता रहा है।

उपरोक्त क्रम में एक बार पुनः भारत के ईसाई और वामपंथी धड़े ने हिंदू आस्थाओं को नुकसान पहुंचाने की दिशा में कुकृत्य करने का दुस्साहस किया है। इस बार बिहार समेत पूरे विश्व के हिंदुओं के महापर्व ‘छठ-पूजा’ के आयोजन के से ठीक एक दिन पहले हिंदूद्रोही विकिपीडिया संपादक-मंडल ने ‘छठ-पूजा’ को ‘पाखंड’ नामक प्रमाणपत्र प्रदान करते हुए पूरे विश्व के हिंदुओं की आस्थाओं को चोट पहुंचाने का शर्मनाक कार्य किया है।

विकिपीडिया एक ओपन सोर्स पब्लिक प्लेटफॉर्म है जिसमें कोई भी व्यक्ति जब चाहे विकिपीडिया के कंटेंट को तथ्यों के साथ जोड़ अथवा घटा सकता है। आज जब टीम बाबा इज़रायली की साइबर ट्रेकिंग टीम के जासूस इंटरनेट क्षेत्र में फैली हुई हिंदूद्रोही सामग्री का पता लगा रहे थे तभी ‘छठ-पूजा’ को पाखंड बताने वाला विकिपीडिया का एक पेज उनके हत्थे चढ़ गया। जब टीम बाबा इज़रायली ने गहनता के साथ उसका विश्लेषण किया तो पता चला कि छठ-पूजा से ठीक एक दिन पहले जेम्स जॉन (JamesJohn82) नामक एक कट्टर ईसाई मिशनरी (JamesJohn82) ने विकिपीडिया पर पहले से मौजूद ‘छठ-पूजा’ के विषय में जानकारी प्रदान करने वाले एक पेज के कंटेंट में एक बार नहीं बल्कि चार-चार बार छेड़छाड़ करते हुए धीरे-धीरे उसके कंटेंट को भ्रामक बनाने का कुकृत्य किया था।

चूंकि छठ-पूजा के समय दुनिया भर से लाखों लोग इंटरनेट पर छठ-पूजा को जानने के लिए उसके विषय में सर्च किया करते हैं, अतः इस बात को ध्यान में रखते हुए कट्टर ईसाई मिशनरी जेम्स जॉन (JamesJohn82) ने छठ-पूजा से ठीक पहले 18 नवंबर, 2020 के दिन सायं 04:41 PM से 06:08 PM के मध्य क्रमशः चार बार में धीरे-धीरे करके छठ-पूजा के कंटेंट में छेड़छाड़ करके उसे एक ‘पाखंड’ के रूप में प्रचारित करने का दुस्साहसपूर्ण कार्य किया जो कि बाबा इज़रायली की साइबर ट्रेकिंग टीम के हत्थे चढ़ गया।

देखें:

1. विकीपीडिया पेज: छठ-पूजा

2. ईसाई मिशनरी जेम्स जॉन (JamesJohn82) के द्वारा:

इसी क्रम में जब आगे की जांच-पड़ताल की गई तो पता चला कि हरियाणा के हिसार के रहने वाले एक स्वयं-भू संत रामपाल जो कि इस समय हत्या और देशद्रोह के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, के भक्तों द्वारा संचालित की जा रही वेबसाइट पर मूलतः ‘छठ-पूजा’ को पाखंड बताने वाला आपत्तिजनक कंटेंट अपलोड किया गया था। इसी कंटेंट को आधार बनाकर शातिर ईसाई मिशनरी जेम्स जॉन (JamesJohn82) ने छठ-पूजा से संबंधित विकिपीडिया समेत अन्य साइबर कंटेंट्स को भ्रामक बनाना शुरू कर दिया।

अभी तो टीम बाबा इज़रायली के द्वारा सिर्फ छठ-पूजा से जुड़ा हुआ भ्रामक विकिपीडिया कंटेंट ही पकड़ा जा सका है परंतु इस बात की पूरी-पूरी संभावना है कि ईसाई मिशनरी जेम्स जॉन (JamesJohn82) जैसे अनेक हिंदूद्रोही तत्वों के द्वारा हिंदुत्व से जुड़े हुए इंटरनेटी कंटेंट्स में एक बहुत बड़े स्तर पर भ्रामकता परोसी जा रही होगी। हमें अपने साइबर-रक्षकों के ऊपर पूर्ण विश्वास है कि उनके रहते हम इन हिंदू-विरोधी षड्यंत्रों को कभी भी सफ़ल नहीं होने देंगे और समय-समय पर उन्हें प्रमाणों के साथ नंगा करते रहेंगे।

इंटरनेट पर उपस्थित हिंदुत्व से संबंधित कंटेंट को प्रदूषण से बचाने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि ऐसे कुकृत्य करने वाले हिंदूद्रोही लोगों पर कठोरतम कार्यवाही की जाए। अतः हमारा हिंदूवादी धड़ों से यह अनुरोध है कि वे शीघ्रातिशीघ्र उपरोक्त मामले में क़ानूनी कार्यवाही करने / करवाने की कृपा करें एवं साथ ही वे विकिपीडिया प्रबंधन-तंत्र को उनके फ़ोन नंबर +1-(415)-839-6885 पर फ़ोन करके एवं / अथवा उनकी ई-मेल आईडीज़- press@wikimedia.org / business@wikimedia.org / answers@wikimedia.org पर ईमेल करके अपनी आपत्तियों के विषय में अवश्य सूचित करें ताकि जेम्स जॉन (JamesJohn82) जैसे हिंदूद्रोही तत्व जब जी चाहे, हिंदू आस्थाओं को घंटा समझकर बजा जाने की ज़ुर्रत न कर सकें।

छठ-पूजा के इस महान पर्व पर छठ माई तथा सूर्य देवता से प्रार्थना है कि वे वसुधैव-कुटुम्बकम के सनातन-दर्शन को अपने आशीष की डोली चढ़ाते हुए समस्त विश्व को सुख-शांति एवं कल्याण का आशीर्वाद प्रदान करते हुए संपन्नता, उत्तम-स्वास्थ्य एवं बुद्धिशाली होने का वरदान देने की महान कृपा करें!

शलोॐ…!