जनसंख्या जिहाद: क्या आप जानते हैं कि सब्ज़ी बेचने वाले इस मोमिन के 23 बच्चे हैं?

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नीचे प्रदर्शित किए गए वीडियो में आप यह देख सकते हैं कि एक हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता ने अपनी गली में फल बेचने आने वाले एक 67 वर्षीय मुस्लिम विक्रेता से जब यह पूछा कि उसके उसके कितने बच्चे हैं तो उसने बड़े ही गर्व के साथ प्रयुत्तर दिया कि उसके 23 बच्चे हैं। यह जबाब देते समय उस मुस्लिम फल विक्रेता के चेहरे पर किसी भी प्रकार की कोई शर्म अथवा झिझक मौजूद नहीं थी क्योंकि वह इस बात को अच्छी प्रकार से जानता था कि किस लक्ष्य को ध्यान में रखकर उसके द्वारा इन 23 बच्चों की बड़ी फौज को पैदा किया गया है?

वीडियो: क्या आप जानते हैं कि सब्ज़ी बेचने वाले इस मोमिन के 23 बच्चे हैं…?

भारत का सेकुलर हिंदू एक ओर जहां एक या दो बच्चे पैदा कर रहा है वहीं भारत में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग दो-दो दर्ज़न बच्चे पैदा करके देश की जनसांख्यकी को बहुत तेज़ी के साथ परिवर्तित कर रहे हैं। यही कारण है कि पिछले 70 वर्षों में 4% से 8 गुनी होकर आज 32% की जन-भागीदारी पर पहुंच जाने वाली ये क़ौम अगले 10 से 15 वर्ष के अंदर बहुसंख्यक होकर इस देश के ऊपर कब्ज़ा करने वाली है। इस भयावह स्थिति को देखकर भी भारत की तथाकथित हिंदूवादी-राष्ट्रवादी सरकार के कान पर कोई जूं नहीं रेंग रही है और वह जनसंख्या-नियंत्रण पर कोई क़ानून लाने के मूड में दिखाई नहीं पड़ रही है। दिसंबर 2020 में सरकार ने उच्चतम न्यायालय में एक हलफ़नामा देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी स्थिति में लोगों पर ज़बरन जनसंख्या नियंत्रण थोपने की विरोधी है।

ज्ञात हो कि जनवरी 2021 तक भारत के 123 ज़िले राजनीतिक रूप से हिंदू विहीन हो चुके थे। यह आंकड़ा टीम बाबा इज़रायली के द्वारा भारत के 718 ज़िलों में से 593 ज़िलों के उपलब्ध सरकारी आंकड़ों के ऊपर किए गए एक बड़े शोधकार्य पर आधारित है जिसके बारे में आप संबंधित शोध आलेख के लिंक पर जाकर विस्तार से जानकारी प्राप्त सकते हैं और यह भी जान सकते हैं कि आपके ज़िले का इस्लामीकरण कब होने वाला है? इस शोध-आलेख के अनुसार जनवरी 2021 से लेकर जून 2021 तक दो अन्य ज़िलों के हिंदू-विहीन होने जाने की संभावना है। इस प्रकार जून 2021 के अंत तक भारत के लगभग 125 जिले राजनैतिक रूप से हिंदू-विहीन हो जाएंगे। इस गणनानुसार प्रत्येक 100 दिनों के अंदर भारत का एक ज़िला हिंदू-विहीन होता चला जा रहा है।

सेकुलर हिंदुओं को आज अल्पसंख्यक नज़र आ रहे ये शांतिप्रिय मुस्लिम अगले 10 से 15 वर्ष के अंदर भारत में बहुसंख्यक हो जाएंगे। उसके बाद ‘सबका साथ, सबका विकास’ एवं ‘भारत में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है’ जैसे हिंदुओं के थोथे और औचित्यहीन शुतुरमुर्गी दिवा-स्वप्नों के साथ ही बाबा साहब का वह तथाकथित संविधान भी तेल लेने चला जाएगा जो कि देश में रहने वाले मानवों और दानवों को समान अधिकार प्रदान करता है। आने वाले दिनों में इस्लामी समुदाय के बहुसंख्यक हो जाने के बाद भारत की तथाकथित भाई-चारे वाली सेकुलरी गंगा-जमुनी तहज़ीब को धता बताकर और भारत के इस तथाकथित सेकुलर संविधान को रद्द करके देश के अंदर शरिया नाफ़िस (लागू) कर दिया जाएगा। इसके बाद भारत को मुग़लिस्तान जैसे किसी इस्लामी मुल्क़ में तब्दील करके ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ के मोहम्मदी लक्ष्य को बहुत ही आसानी के साथ हासिल कर लिया जाएगा।

ऐसी स्थिति के उत्पन्न हो जाने के पश्चात मूर्ख, सेकुलर कबूतर हिंदुओं के साथ क्या बर्ताव किया जाएगा, हमें नहीं लगता है कि इसके बारे में कुछ अधिक बयान करने की कोई विशेष आवश्यकता है। पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश अथवा वर्ष 1990 में मोहम्मदी आतंकवादियों के द्वारा कश्मीरी हिंदुओं के साथ किए गए ‘सुन्नती बर्ताव’ के विषय में किताबों और इंटरनेट पर अथाह जानकारी पहले से ही मौजूद है। उसे पढ़कर इस विषय में विस्तार से जाना जा सकता है। अभी कुछ ही वर्ष पहले इराक़ और सीरिया में अंतर्राष्ट्रीय मोहम्मदी जमात ‘आइएसआइएस’ ने वहां रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों और उनकी महिलाओं के साथ कैसा सुन्नती बर्ताव किया, इसके विषय में आज भी आए दिन विभिन्न खुलासे होते ही रहते हैं।

इसलिए ऐ दलित-सवर्ण अथवा ब्राह्मण-ठाकुर के श्रेष्ठतावाद में फंसकर आत्महत्या करने वाले आत्ममुग्ध भस्मासुरी हिंदुओं! तुम जल्दी से अपनी आंखें खोलो और अपने अस्तित्व के प्रति मंडराते हुए गंभीर ख़तरे को भांपने का प्रयास करो अन्यथा बहुत जल्द तुम्हारी भी हालत इराक़ के यज़ीदियों और ईरान के पारसियों की तरह हो जाएगी। उन्हें तो भागकर अपनी जान बचाने के लिए भारत जैसे उदार देश मिल भी गए थे परंतु तुम्हें हिंद महासागर की लहरों के अलावा कहीं भी कोई स्थान प्राप्त नहीं होगा!

शलोॐ…!