जल्द होने वाली है यहूदियों के पवित्र क्षेत्र किप्पत हा-सेला की कार सेवा…

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किप्पत हा-सेला (כיפת הסלע) जिसे कि अंग्रेज़ी में डॉम ऑफ़ रॉक और इस्लामी समुदाय में किब्तुल सख़रा भी कहा जाता है, 3,000 वर्षों से भी अधिक समय से यहूदियों का पवित्र स्थान रहा है। आज से 1,330 वर्ष पहले इस्लामी जिहादी आतंकवादी अब्दुल मलिक इब्न मरवान इब्न अल-हक़्क़ाम ने इस क्षेत्र पर अवैध कब्ज़ा करके उसे किब्तुल सख़रा घोषित कर दिया। इतना ही नहीं अब्दुल मलिक ने किप्पत हा-सेला के पास में बने हुए एक और यहूदी पवित्र स्थल को मस्जिद अल-अक़्सा नामक आतंकवादी स्थल में परिवर्तित कर दिया। तब से लेकर आज तक पूरी दुनिया के यहूदियों के दिलों में यह दोनों आतंकवादी स्थल नेज़े की नोंक की तरह दर्द दे रहे हैं।

6 दिसंबर, सन 1992 को भारत स्थित अयोध्यापुरी में जब हिंदुओं ने अपने आराध्य श्री राम के जन्म-स्थान पर बने इसी तरह के अवैध आतंकवादी स्थल की तुड़ाई की, उसके बाद भारत ही नहीं अपितु विश्व के अनेक देशों में स्थित आसमानी समुदाय के द्वारा उत्पीड़ित किए गए समुदायों के दिलों में अपने पवित्र स्थलों को आतंकवादी कब्ज़े से मुक्त कराने का विचार बीज रूप में पुंसवित हो गया।

यहूदी देश इज़रायल भी हिंदुओं के द्वारा संपन्न की गई इस वैचारिक पुंसवन की प्रक्रिया से अछूता नहीं रहा। वहां रह रहे ऑर्थोडॉक्स यहूदियों के दिलों में भी यह हूक उठी कि जब भारत के हिंदू कार सेवा करके अपने आराध्य श्री राम के जन्म स्थान को आतंकवादी कब्ज़े से मुक्त करवा सकते हैं तो वे अपने पवित्र किप्पत हा-सेला क्षेत्र को मुक्त कराने के लिए हिंदुओं के समान प्रयास क्यों नहीं कर सकते?

वीडियो: मस्जिद अल-अक़्सा के साथ यहूदी क्या करने वाले हैं? – मौलाना इसरार अहमद

तब से लेकर इज़रायली यहूदियों के दिलों के अंदर अपने उक्त पवित्र क्षेत्र को आतंकवादी कब्ज़े से मुक्त कराने का विचार दिन दूनी रात चौगुनी गति से कुलांचे मार रहा है। अब इस बात को दुनिया का आतंकवादी समुदाय भी बहुत अच्छी तरह से समझ चुका है। आप भी बाबा इज़रायली की इस भविष्यवाणी को नोट कर के रख लीजिए कि आने वाले समय में बहुत जल्द इज़रायल के यहूदी भी भारतीय हिंदुओं की तर्ज़ पर जल्दी ही अपने पवित्र स्थल किप्पत हा-सेला क्षेत्र की कार सेवा करके उसे आतंकवादी जिहादियों के अवैध कब्ज़े से आज़ाद कराने में सफल होंगे।

शलोॐ…!