‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ को लागू करने के तरीक़े…

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जैसा कि हमने पहले बताया था कि किसी भी काफ़िर मुल्क को इस्लामी मुल्क बनाने की प्रक्रिया को ‘ग़ज़वा’ कहा जाता है। भारत के संदर्भ में इस प्रक्रिया को ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ के नाम से जाना जाता है। यह प्रक्रिया सामान्यतः दो चरणों में सम्पन्न की जाती है। इस प्रक्रिया का प्रथम चरण वह चरण होता है जब संबंधित मुल्क में इस्लामी जमात अल्पसंख्यक होती है। इस चरण में इस्लामी जमात एक विशेष रणनीति को अपनाते हुए धीरे-धीरे अपने लक्ष्य की तरफ़ अग्रसर होती चली जाती है।

भारत में भी यह प्रक्रिया दो चरणों में संपन्न होती हुई दृष्टिगोचर हो रही है। भारत में इस समय जारी इस प्रक्रिया के पहले चरण को ‘ग़ज़वा-ए-हिंद के पूर्व संकेत’ अथवा ‘ग़ज़वा-ए-हिंद की पूर्व तैयारी’ भी कहा जा सकता है। ग़ज़वा-ए-हिंद के इस प्रथम चरण के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप इस लिंक पर जाकर हमारे पूर्व लेखों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

‘ग़ज़वा’ की प्रक्रिया का दूसरा चरण वह होता है जिसमें इस्लामी जमात किसी काफ़िर मुल्क को धीरे-धीरे अपने शिकंजे में कसते हुए उस पर कब्ज़ा करने लगती है। इस चरण को पूर्ण करने के लिए हुए वह कुछ विशेष तरीक़े के जिहादों को प्रयोग में लाती है। मोटे तौर पर इस चरण को ‘ग़ज़वा-ए-हिंद को लागू करने के तरीक़े’ कहा जा सकता है। भारत के परिप्रेक्ष्य में यदि बात की जाए तो कश्मीर के बाद अब बंगाल और केरल में यह प्रक्रिया ज़ोर-शोर से अमल में लाई जा रही है। हालांकि देश के अन्य राज्य भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं और जल्द ही वहां भी इसके असरात देखने को मिलेंगे।

ग़ज़वा-ए-हिंद की प्रक्रिया के द्वितीय चरण में प्रमुखतः निम्न प्रकार के जिहादों एवं रणनीतियों का इस्तेमाल किया जा रहा है-

1. मतांतरण (धर्मांतरण) जिहाद
2. लव-जिहाद
3. फ़िल्म जिहाद
4. आर्थिक जिहाद
5. धर्मस्थल जेहाद
6. शोर जिहाद
7. जनसंख्या जिहाद
8. ट्रेन जिहाद
9. लोन वुल्फ़ जेहाद
10. मेडिकल जिहाद
11. स्कूल जिहाद
12. रियल एस्टेट जिहाद
13. पोशाक जिहाद या लिबास जेहाद
14. शरणार्थी जिहाद (इमोशनल जिहाद)
15. सेक्स जिहाद
16. तबलीगी जमात जिहाद
17. हर्बो-मुक़द्दसा जिहाद (जिहाद-उल-फीसबि-लिल्लाह)
18. सेकुलरिज़्म जिहाद
19. भगवा जिहाद

इसके अलावा भी कुछ अन्य प्रकार के जिहाद सामने आए हैं, जैसे कि-

1. कोरोना जिहाद
2. थूक जिहाद
3. वैक्सीन जिहाद (मेडिकल जिहाद का उप-जिहाद)
4. प्रचार जिहाद

विदित हो कि उपरोक्त जिहादों समेत कई अन्य प्रकार के इस्लामी जिहादों के विषय में विस्तार से बताने वाली इस शोध-शृंखला को हमने वर्ष 2016-17 में सोशल मीडिया पर प्रकाशित किया था। बाद में जनवरी 2020 में भारतीय टीवी चैनल ज़ी. न्यूज़ ने अपने एक विशेष शो में हमारी उसी शोध-शृंखला को हूबहू देश की जनता के समक्ष रखा था। उसके बाद भारत में इस्लामी और सेकुलर कहे जाने वाले हिंदू-विरोधी तबके ने ख़ूब छातियां पीटी थीं। कांग्रेसी और वामपंथी सरकारों द्वारा शासित राज्यों में तो ज़ी न्यूज़ चैनल एवं उसके एंकर के विरुद्ध 200 से अधिक प्राथमिकियां भी दर्ज़ करवाई गई थीं।

फ़िलहाल आप इस बेहद अहम शोध-शृंखला में वर्णित प्रत्येक इस्लामी जिहाद और उससे संबंधित चीज़ों का गहन अध्यन कीजिए। आने वाले आलेखों में हम आपको एक-एक करके इस ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ की प्रक्रिया के द्वितीय चरण में शामिल प्रत्येक बिंदु के विषय में विस्तार से बताने का प्रयास करेंगे।

शलोॐ…!