गुजरात का मोस्ट-वांटेड ‘लिफ़्ट जिहादी गैंग’ दबोचा गया…

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जिस प्रकार से एक लंबे समय से अहमदाबाद-राजकोट राजमार्ग पर चोरी और लूटपाट की घटनाएं सामने आ रही थीं और शातिर चोर-लुटेरे पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहे थे, इस बात का हमारा शक लगातार गहराता ही चला जा रहा था कि हो न हो इन सारी की सारी घटनाओं को दुनिया के कुख्यात आतंकवादी जिहादी समुदाय के द्वारा ही अंजाम दिया जा रहा है।

आज जब हमने अख़बार में यह ख़बर पढ़ी तो हमारी यह बात सिद्ध हो गई कि हमारा शक शत-प्रतिशत सत्य था। जिहादी समुदाय के द्वारा गुजरात में अंजाम दी जा रही ये समस्त घटनाएं ‘सड़क जिहाद’ एवं ‘लूट जिहाद’ नामक इस्लामी जिहादों के एक विशेष प्रकार ‘लिफ़्ट जिहाद’ का ही वाहिद मज़हबी अमल थीं।

प्राप्त समाचार के मुताबिक़ सूरत से एक दंपति किसी विवाह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सुरेंद्र नगर जा रहे थे। रास्ते में वाहन बदलने के लिए वे बीच में लिंबडी चौक उतरे। वहां पर एक कार में पहले से ही मौजूद कुछ लोगों ने अपनी कार के द्वारा उनसे आगे छोड़ने की बात कही। दंपति ने कार में पांच पुरुषों के साथ जब एक महिला को बैठा हुआ देखा तो उन्होंने उन पर विश्वास कर लिया और उनकी कार में बैठ गए।

वहां से चलने के बाद कार चालक ने रास्ते में सुनसान जगह देखकर कार को रोक दिया और उसके बाद कार में बैठे हुए अन्य चार बदमाशों ने दंपति से रुपए-पैसे और गहने समेत उनका समस्त सामान लूट लिया। इसके बाद वे बदमाश उस दंपति को वहीं बीच सड़क पर उतारकर वहां से फ़रार हो गए।

सौभाग्य से इस लूटपाट की घटना में दंपति का मोबाइल लुटने से बच गया जिसके माध्यम से उन्होंने तुरंत ही पुलिस को फोन करके संबंधित घटना की सूचना प्रदान की। गुजरात पुलिस ने भी तुरंत ही बिजली की गति से एक्शन में आते हुए फ़िल्मी स्टाइल में अपराधियों का पीछा किया और इलाके की नाकेबंदी करवाकर शीघ्रता से उन्हें दबोच लिया।

गुजरात पुलिस द्वारा दबोचे गए दुर्दांत इस्लामी अपराधियों के नाम मोहम्मद इमरान, रेहान अहमद अंसारी, मोहम्मद शादाब वहाउद्दीन अंसारी, सोहेल मोहम्मद ख़ान पठान और सोहेल अब्दुल रऊफ़ ख़ान हैं। इन अपराधियों के कुछ रिश्तेदारों के मुंबई में होने की भी सूचना प्राप्त हुई है। इसके अलावा इन इस्लामी अपराधियों के द्वारा दी जाने वाली वारदातों में इनकी मदद करने वाली एक हिंदू महिला अरुणा नरसिंह मलेश राव भी गुजरात पुलिस के हत्थे चढ़ी है। जब पुलिस ने इन बदमाशों से पूछा कि ये लोग अपने साथ महिला को लेकर क्यों चला करते थे तो उन्होंने बताया कि ये लोग अपने साथ उक्त महिला को बैठाकर इसलिए रखते थे ताकि लूटे जाने वाले लोगों को इनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई शक न हो और वे आसानी के साथ उनकी कार में बैठ जाएं।

ऐसा माना जा रहा है कि इन पांचों इस्लामी अपराधियों ने इस हिंदू महिला को ‘लव जिहाद’ अथवा ‘सेक्स जिहाद’ जैसे किसी जिहादी-टूल के माध्यम से अपने जिहादी-जाल में फंसाया था जो कि आगे चलकर इनके साथ इनके हर अपराध में शामिल हो गई। फ़िलहाल गुजरात पुलिस की महिला शाखा की पुलिस टीम इस महिला के साथ सघन पूछताछ कर रही है। ऐसी आशा है कि इस महिला के माध्यम से इन इस्लामी आतंकवादियों की पिछली कारगुज़ारियां भी निकलकर सामने आएंगी।

ख़बर साभार: पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

मॉरल ऑफ़ द स्टोरी:

इस कहानी के माध्यम से आपने सीखा कि-

सड़क पर आप किसी भी अनजान व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह के द्वारा प्रदान की जाने वाली ‘लिफ़्ट’ को लेने से बचिए क्योंकि आपको लिफ़्ट प्रदान करने वाला व्यक्ति अथवा व्यक्तियों का समूह ‘लिफ़्ट जिहादी’ / ‘लिफ़्ट मुजाहिदीन’ भी हो सकता है / सकते हैं। फिर भी कभी यदि आपातकालीन परिस्थितियों में आपको किसी से लिफ़्ट लेनी ही पड़ जाए तो आप सबसे पहले लिफ़्ट प्रदान करने वाली गाड़ी का नंबर नोट करके अपने घर वालों अथवा अपने किसी चतुर मित्र को प्रेषित कर दीजिए। ध्यान रखिए कि ऐसा करते समय लिफ़्ट प्रदान करने वाली गाड़ी के अंदर बैठे हुए किसी भी व्यक्ति को आपके द्वारा गाड़ी के नंबर को नोट करने अथवा उसके किसी को भेजे जाने के विषय में जानकारी प्राप्त न हो। हालांकि यह विधि भी आपको केवल तभी कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान कर सकती है यदि संभावित लिफ़्ट जिहादी की गाड़ी का नंबर वही है जो कि उसने अपनी गाड़ी की नंबर प्लेट पर अंकित करके रखा हुआ है। यदि लिफ़्ट जिहादी ने अपनी गाड़ी की नंबर प्लेट को बदल दिया है तो उस स्थिति में आपकी यह विधि भी कारगर नहीं होगी। अधिकतर मामलों में लिफ़्ट मुजाहिदीन, लिफ़्ट जिहाद की घटनाओं को अंजाम देते समय अपनी गाड़ियों की नंबर प्लेट्स को बदल ही दिया करते हैं।

याद रखिए कि ईमानवाला जहां भी रहेगा, वह केवल और केवल गंदगी ही फैलाएगा। इसके अलावा यह भी प्रमाणित तथ्य है कि देश की जनसंख्या में लगभग पांचवां हिस्सा रखने वाला यह जिहादी समुदाय देश के अंदर होने वाली चोरी-डकैती, लूट-मार, हत्या, बलात्कार, तस्करी, राहज़नी, लव-जिहाद, सेक्स जिहाद, लिफ़्ट जिहाद एवं आतंकवाद जैसे हर प्रकार के अन्य अपराधों में बाकी समस्त समुदायों के अपेक्षा उनसे लगभग पांच गुनी हिस्सेदारी रखता है।

अतः हमारा हिंदू समुदाय से यह अनुरोध है कि वह सेकुलर तत्वों के द्वारा एक लंबे समय से झूठ के आवरण में लपेटकर पेश किए जा रहे तथाकथित सेकुलर भाईचारे वाली गंगा-जमुनी तहज़ीब के आत्मघाती लबादे से तुरंत बाहर निकलें और इस जिहादी क़ौम की असलियत को जानने का प्रयास करें अन्यथा आने वाले समय में यह जिहादी समुदाय मासूम भेड़ों की तरह उसकी खाल उतारने के बाद, कोरमा बनाकर उसको समूल हज़म कर जाएगा।

शलोॐ…!