‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ की पूर्व तैयारी एवं संकेत…

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किसी भी काफ़िर मुल्क को इस्लामी मुल्क बनाने की प्रक्रिया को ‘ग़ज़वा’ कहा जाता है। भारत के संदर्भ में इस प्रक्रिया को ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ के नाम से जाना जाता है। यह प्रक्रिया सामान्यतः दो चरणों में सम्पन्न की जाती है। इस प्रक्रिया का प्रथम चरण वह चरण होता है जब संबंधित मुल्क में इस्लामी जमात अल्पसंख्यक होती है। इस चरण में इस्लामी जमात एक विशेष रणनीति को अपनाते हुए धीरे-धीरे अपने लक्ष्य की तरफ़ अग्रसर होती चली जाती है।

भारत में भी यह प्रक्रिया दो चरणों में संपन्न होती हुई दृष्टिगोचर हो रही है। भारत में इस समय जारी इस प्रक्रिया के पहले चरण को ‘ग़ज़वा-ए-हिंद के पूर्व संकेत’ अथवा ‘ग़ज़वा-ए-हिंद की पूर्व तैयारी’ भी कहा जा सकता है। ग़ज़वा-ए-हिंद के इस प्रथम चरण में प्रमुखतः निम्न प्रकार के जिहादों एवं रणनीतियों का इस्तेमाल किया जा रहा है-

1. अल-तक़िया जिहाद
2. काफ़िरों को डरा-धमका कर उनके मन में भय भरना
3. हथियारों का ज़ख़ीरा इकट्ठा करना
4. गुप्त ठिकाने बनाकर सुरक्षा तंत्र को कमज़ोर करना
5. व्यापक दंगे करके अपने लक्ष्य में कामयाब होना

आने वाले आलेखों में हम आपको एक-एक करके इस ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ की प्रक्रिया के प्रथम चरण में शामिल प्रत्येक बिंदु के विषय में विस्तार से बताने का प्रयास करेंगे।

शलोॐ…!