ईरान का भूमिगत परमाणु केंद्र इज़रायली हमले में नष्ट…

babaisraeli.com20201209015675

ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक़ ईरान के नेतंज़ शहर में स्थित एक भूमिगत परमाणु केंद्र को ‘आतंकी गतिविधि’ से नुक़सान पहुंचा है। अधिकारी ने बताया कि इस घटना से ठीक एक दिन पहले ही ईरान ने यूरेनियम का और अधिक तेज़ी से संवर्धन करने वाले सेंट्रीफ्यूज़ को चालू किया था।

हालांकि अधिकारी ने यह नहीं बताया कि परमाणु केंद्र को नुक़सान पहुंचाने के लिए कौन ज़िम्मेदार है लेकिन उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ‘परमाणु आतंकवाद’ से निपटने की अपील की। उधर इज़रायल की मीडिया ईरानी परमाणु केंद्र को पहुंचे नुक़सान को इज़रायली साइबर अटैक का नतीजा बता रही है।

ईरान के सरकारी टीवी चैनल पर एटॉमिक एनर्जी ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ ईरान के प्रमुख अली अकबर सलेही का बयान जारी किया गया। बयान में उन्होंने इस घटना को ‘हमला’ और ‘परमाणु आतंकवाद’ बताया। सलेही ने कहा कि ईरान इस शर्मनाक घटना की निंदा करता है। हम ज़ोर देकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी से इस परमाणु आतंकवाद से निपटने की अपील करते हैं।

इज़रायल के पब्लिक ब्रॉडकास्टर कैन का मानना है कि ईरानी परमाणु केंद्र पर हुआ हमला इज़रायली साइबर ऑपरेशन का नतीजा हो सकता है। कैन टीवी का अनुमान है कि वर्ष 2010 में अमेरिका और इज़रायल के बनाए स्टक्सनेट कम्यूटर वायरस से ईरान के नेतंज परमाणु केद्र में सेंट्रीफ़्यूज़ को नष्ट करने की कोशिश की गई है। इज़रायली अख़बार हआरेत ने भी इस हमले में इज़रायली साइबर अटैक का अंदेशा जताया है। इज़रायली रक्षा विश्लेषक बेन-यिशाई ने वाई नेट समाचार वेबसाइट से कहा कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की क्षमता विकसित कर रहा है और इस हमले के पीछे इज़रायल का हाथ होने के बारे में सोचना तर्कपूर्ण ही है। उन्होंने कहा कि यह सोचना जायज़ है कि परमाणु केंद्र को पहुंचे नुक़सान के पीछे कोई हादसा होने की संभावना नहीं है बल्कि यह एक सोचा-समझा हमला है ताकि अमेरिका के साथ परमाणु समझौते को बहाल करने की ईरानी कोशिशें धीमी पड़ जाएं।

ज्ञात हो कि पिछले साल ईरान के इसी भूमिगत परमाणु केंद्र में आगज़नी की घटना हुई थी जिसे ईरानी अधिकारियों ने इज़रायली साइबर हमले का नतीजा बताया था। इसके अलावा नवंबर 2020 में ईरान के मुख्य परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़रीजादेह की सैटेलाइट नियंत्रित रायफ़ल के द्वारा हत्या कर दी गई थी। ईरान ने उस घटना के पीछे भी इज़रायल का हाथ होने का दावा किया था।

शलोॐ…!